प्रिय अभिभावक और शिक्षक,

हम जानते हैं कि आप अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं। हम यह भी जानते हैं कि बच्चों से व्यक्तिगत सुरक्षा और शरीर के निजी अंगों के बारे में बात करना मुश्किल होता है। और अगर भारतीय संस्कृति (सभ्यता) के दृष्टिकोण से इसे देखें, तो यह हमारे लिए और भी मुश्किल हो जाता है।

हम इस समस्या को अच्छी तरह समझते हैं, क्योंकि पिछले दस सालों से हमने पूरे देश भर के 10 लाख से अधिक बच्चों के साथ काम किया है और हमने भी इस चुनौती का सामना किया है।

इसलिए, हमने तसवीरों और कहानियों की यह किताब प्रकाशित की है, ताकि आप अपने ४-७ साल के बच्चे के साथ इसे पढ़ सकें और उनके साथ व्यक्तिगत सुरक्षा के बारे में बातचीत शुरू कर सकें। इस कहानी के माध्यम से, आपके बच्चे सीख पाएँगे कि सुरक्षित एवं असुरक्षित स्थितियों को कैसे पहचानें और असुरक्षित स्थिति का सामना करने पर अपने मददगार व्यक्ति से मदद कैसे माँगें।

कृपया ध्यान दें कि हम इस कहानी में बच्चों को शरीर के निजी अंगों के नाम नहीं सीखा रहे हैं। हम शरीर के निजी अंगों को हमारे शरीर के वे अंग कहेंगे, जिन्हें हम नीचे पहने कपड़ो से ढँककर रखते हैं।

हम आपको आमंत्रित करते हैं कि आप इस किताब को अपने बच्चे के साथ पढ़ें। अगर किसी भी समय आपको अर्पण से किसी भी तरह के सहायता की आवश्यकता हो तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।

धन्यवाद,
टीम अर्पण

प्रशंसापत्र